फिल्म इंडस्ट्री के मिस्टर पर्फेक्टनिस्ट आमिर खान कुछ समय से परफेक्शन वाली चीज़ो से थोड़े दूर से दिखाई पड़ रहे है। बात उनकी फिल्म “ठग ऑफ़ हिन्दोस्तान” की हो रही है जिसका प्रमोशन इस तरह किया जिसकी उम्मीद उनसे होती नहीं है। अब यहाँ पर एक बात क्लियर करने वाली है की आमिर खान की फिल्मो को प्रमोशन की जरुरत नहीं होती क्योकि उनकी फिल्म का सब्जेक्ट ही चर्चा का विषय होता है लेकिन प्रमोशन का जो तरीका वो ठग ऑफ़ हिन्दोस्तान के लिए अपना रहे थे अगर वो सही था तो फिल्म दर्शको पर पकड़ नहीं बना पा रही है। इसके कई कारण है
फिल्म की स्टोरी जो की सुनी और समझी हुई सी लगती है और बॉलीवुड के पिछली कई फिल्मो में देखी हुई से लग रही है।
फिल्म का सब्जेक्ट एक ऐतिहासिक फिक्शन घटना पर आधारित है ऐसे सब्जेक्ट पर पहले भी कई बेहतरीन फिल्मे बन चुकी है और इस लिए फिल्म के सब्जेक्ट में निश्चित ही लोगो के लिए कुछ नया नहीं है।
फिल्म का हॉलीवुड फिल्म से इंस्पायर होना इसकी सबसे बड़ी कमी है। फिल्म को पायरेट्स ऑफ़ कैरेबियन और प्रिंस ऑफ़ पर्सिया से इंस्पाइयर होना बताया जा रहा है जहा तक कि फिल्म के करैक्टर भी और ये दोनों ही फिल्मो से भारतीय दर्शक पूरी तरह परिचित है।
सबसे बड़ी बात ट्रेलर से जितना भी सामने आया था वो बाहुबली या किसी और एपिक मूवी का बराबरी का नहीं था सीधी सी बात है दर्शक कुछ बड़ा देखने के बाद उससे कम में संतुष्ट नहीं होंगे और ये ही कारण है कि फिल्म से जुडी कोई भी बात लोगो की जुबान पर नहीं चढ़ी। ऐसे तो बाहुबली की भी कई हॉलीवुड फिल्मो से तुलना हुई थी लेकिन फिल्म की कहानी, सिनेमेटोग्राफी, एक्शन सीकवेंस और वीएफक्स ने फिल्म को एक दम खास बना दिया।
अब अगर प्रमोशन की बात करे तो शुरुवात काफी अच्छी थी जब अमिताभ बच्चन के फिल्म में लुक का पोस्टर रिलीज़ हुआ था और दर्शक मान चुके थे कि उन्हें कुछ बेहतरीन देखने को मिलने वाला है और उसके बाद एक एक करके सभी कलाकारों के लुक के पोस्टर रिलीज़ होने लगे जिसने फिल्म के प्रति दर्शको की रूचि और बड़ा दी।
लेकिन ट्रेलर रिलीज़ होते ही फिल्म के प्रति दर्शको का इंटरेस्ट कम होने लगा और फिर उसके बाद मार्केटिंग का वो तरीका जो शायद इंटरेस्ट बड़ा नहीं बल्कि घटा रहा है और वो है फिल्म के रिलीज़ होने से पहले ही उसकी मेकिंग के बारे में और बिहाइंड द सीन दिखाना जो कही से भी कोई सेंस नहीं बनता है।
हर छोटे बड़े सीन के बारे में बताया गया जहाँ तक कि फिल्म के गाने की मेकिंग भी बताई जा रही है। इस प्रकार की चीज़ो में लोग तब तो इंटरेस्ट लेना पसंद करते है जब फिल्म या फिल्म का गाना अच्छा खासा हिट हो लेकिन फिल्म के सही तरीके से रिस्पांस मिलने से पहले ही उसकी मेकिंग के बारे में रीवील करना एक तरीके से लोगो को जबरदस्ती फिल्म में इंटरेस्ट जगाने का काम किया जा रहा था जो असल में काम भी नहीं कर पाया।
फिल्म दिवाली जैसे तैयार पर रिलीज़ होनी थी तो निश्चित ही फिल्म को ग्रैंड ओपनिंग मिली लेकिन फिल्म को आमिर की बाकि फिल्मो की तरह लोगो ने पसंद नहीं किया।
फिल्म में नएपन की कमी है सिवाय अमिताभ और आमिर खान की जोड़ी के। अब भारतीय दर्शक हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मो में कई बार देख चुके चीज़ को देखने के बाद इस फिल्म में वो इंटरेस्ट नहीं दिखया जो फिल्म के प्रति होना चाहिए। फिल्म के बीएफएक्स भी उस स्तर के नहीं है जैसे बीएफक्स की ऐसी फिल्म से उम्मीद की जा सकती है।
फिल्म में कुछ एक डायलाग है जो लोगो को समझ ही नहीं आये। गानो की बात करे तो वो भी लोगो की जुबान पर नहीं चढ़े।
ट्रेलर से फिल्म की कहानी का भी काफी अंदाजा लगा लिया गया था। फिल्म ने उसके बाद भी कारोबार किया या कर रही है तो सिर्फ आमिर खान और अमिताभ बच्चन की वजह से क्योकि ये दोनों ही फिल्म की एक मात्र और सबसे बड़ी यूएसबी है दिवाली पर फिल्म देखना जरुरी समझने वाली इंडियन ऑडिएंस को फिल्म से बहुत ज्यादा निराशा हुई।
फिल्म के कारोबार को नुकसान पहुंचाने वाली कुछ चीज़ो में 2.0 और जीरो भी थी जो ट्रेलर टीज़र और पोस्टर के माध्यम से दर्शको का ध्यान खींचने में लगी है। अब ऐसे में फेस्टिवल सीजन पर ऑडियंस अपने जेब पर भी थोड़ा ध्यान देगी और उस फिल्म को ज्यादा तबज्जो देगी जो पैसा वसूल हो।
इस फिल्म के बाद से डयरेक्टर विजय कृष्णा आचार्या की सबसे ज्यादा किरकिरी हो रही है क्योकि इससे पहले भी वो आमिर खान के साथ ही धूम 3 से दर्शको को निराश कर चुके है।
फिल्म ने पहले दिन 50 करोड़ का व्यवसाय किया जो कि हिंदी भाषा सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी बन गई है।