गूगल जीमेल को सिक्योर करने के लिए कई मल्टी लॉगिन प्रोसेस उपलब्ध करता है जिसमे स्ट्रॉन पासवर्ड , मोबाइल लॉगिन शामिल है लेकिन इस सब के बाद भी आपका अकाउंट सिक्योर नहीं है क्योकि गूगल ने ही आपके जीमेल अकाउंट का एक्सेस किसी और को भी दे रखा है।
फेसबुक की तरह गूगल ने भी दिया थर्ड पार्टी एप्स को एक्सेस
आपके जीमेल से जुड़े लगभग सभी काम जैसे ऑफिस वर्क , सोशल मीडिया एक्टिविटी, बैंक से जुड़े दस्तावेज और ओटीपी और कई प्रकार के निजी मेल भी हो सकते है। अब अगर थर्ड पार्टी एप्प के पास यदि आपके अकाउंट का एक्सेस है तो वो भी इन जानकारी को पढ़ सकता है और डाटा चोरी होने का खतरा बना रहता है। फेसबुक के डाटा चोरी होने वाले स्कैंडल और मार्क जुकरबर्ग के डाटा चोरी होने की बात कबूल कर लेना पर गूगल का इस तरह थर्ड पार्टी को एक्सेस देना एक बड़ा चिंता का विषय है
गूगल का तर्क, केवल अनुभवी डेवेलपर्स को ही दिया एक्सेस
गूगल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि गूगल अकाउंट का एक्सेस केवल अनुभवी थर्ड पार्टी डेवलपर्स को ही देता है और इसके लिए यूजर्स की परमिशन भी मांगी जाती है। लेकिन कई यूजर को इस बात का मालूम भी नहीं होगा कि उन्होंने अपने अकाउंट का एक्सेस इन थर्ड पार्टी एप्स को दे रखा है।
मार्केटिंग के उद्देश्य से स्कैन कर सकते है मैसेज
यहाँ तक गूगल की बात है तो गूगल ने तो स्वयं जीमेल यूजर्स के इमेल को स्कैन करना बंद कर दिया है।वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ थर्ड पार्टी डेवलपर ने एप्स बनाएं हैं जो कंज्यूमर के अकाउंट को एक्सेस कर सकते हैं और मार्केटिंग के उद्देश्य से उनके मैसेज स्कैन कर सकते है ।
ई-मेल एड्रेस, टाइम स्टांप और मेसेज का भी एक्सेस
यहाँ तक यूजर की सहमति की बात है तो जीमेल की एक्सेस सेटिंग्स डाटा कंपनियों और एप डेवलपर्स को लोगों के ई-मेल और प्राइवेट डिटेल्स देखने की इजाजत देती है। इसके अलावा, ये लोग ई-मेल एड्रेस, टाइम स्टांप और पूरे मेसेज भी देख सकते हैं। एप् डेवलपर्स को यूजर की सहमति की आवश्यकता तो होती है, लेकिन कंसेंट फॉर्म (सहमति पत्र) में यह बात स्पष्ट नहीं है कि वह थर्ड पार्टी व्यक्तिगत जीमेल पढ़ने की अनुमति देगा।
कई कंपनियों करती है आवेदन
गूगल ने बताया कि कुछ डेवलपर्स ने जीमेल एक्सेस के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है। गूगल के अनुसार, वह केवल अनुभवी थर्ड पार्टी डेवलपर्स को डाटा देता है और इसमें यूजर की सहमति होती है। डाटा देने से पहले जांच की जाती है की जिस एप कंपनी को डाटा एक्सेस दिया जा रहा है उसकी पहचान एप द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुरूप है या नहीं इसके अलावा, एप की प्राइवेसी पॉलिसी में यहाँ बात लिखी होती है कि जिन ईमेल डाटा को मॉनिटर करेगी उसका उनके काम से सीधा सम्बन्ध हो।
सुरक्षा कारणों से भी पढ़े जाते हैं ई-मेल्स
गूगल ने बताया है कि कंपनी के कर्मचारी भी ई-मेल्स को पढ़ सकते हैं, लेकिन यह कुछ खास मामलों में होता है,जिसमे सुरक्षा कारणों से भी ई-मेल्स को पढ़ा जाता है, या किसी बग और या फिर किसी मामले की जांच के लिए ऐसा किया जाता है । इससे पहले ई-मेल मैनेजिंग कंपनी रिटर्नपाथ और एडिसन सॉफ्टवेयर के पास हजारों जीमेल अकाउंट का एक्सेस था जो मशीन एल्गोरिदम को डाटा हैंडल करने के लिए तैयार कर रहे थे।
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