पूरी दुनिया में अमेरिका का इन्फ्लुएंस सर चढ़कर बोलता है और ऐसा माना जाता है कि अमेरिकन्स हर चीज़ में अच्छे है। वे कई सारे काम बाकि दुनिया से ज्यादा बेहतर तरीके से करते है। चाहे अमेरिका के शहर हो, इकॉनमी हो , हिस्ट्री हो , बिज़नेस हो ,बिज़नेस लीडर्स हो फिल्मे हो ,म्यूजिक हो , सुपर हीरो हो , टेक्नोलोजी हो ,सैन्य ताकत हो , लाइफस्टाइल हो सभी चीज़े पूरी दुनिया को प्रभावित करती है।
यहाँ तक कि अमेरिका में बनने वाली एडल्ट मूवी भी दुनिया में बेस्ट मानी जाती है लेकिन क्या ऐसा सच में है कि अमेरिका हर मायने में बेहतर है और अमेरिकन हर काम में बेहतरीन होते है और इतने बेहतरीन है कि बहार से देखने पर लगता ही नहीं है कि दुनिया में शायद ही ऐसी कोई चीज़ होगी जो अमेरिका को किसी भी मामले में पीछे रखती होगी।
लेकिन शायद ऐसा नहीं है क्योकि अमेरिका और अमेरिकन लोगो में आपको कुछ ऐसी विसंगतिया मिल जाएंगी जो कई स्तर पर किसी भी देश में अच्छी नहीं मानी जाती और दुनिया के कई देश अमेरिका से इस मामले में कई गुना बेहतर है।
फुटबॉल
दुनिया में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खेल फुटबॉल है पर अमेरिका एक ऐसे गेम में कभी भी अच्छा नहीं रहा। जहाँ तक फीफा वर्ल्ड कप की बात है तो अमेरिका फीफा वर्ल्ड कप में 1930 से पार्टिसिपेट कर रहा है लेकिन आज तक अमेरिका ने एक भी वर्ल्ड कप नहीं जीता। यहाँ तक कि ट्रिनीडेड और टोबैगो में 2017 में हारने के बाद अमेरिकन फुटबॉल टीम 2018 के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाई।
नस्लवाद और भेदभाव
दुनियाभर की मीडिया में अक्सर भारत के बारे में लिखा जाता है कि छदम सोच की वजह से भारत में नस्लभेद और जाति गत भेदभाव होता है लेकिन खुली सोच और अधुनिकता के बाद भी अमेरिका में नस्लभेद जैसी घटनाए होती है। जिनमे अक्सर अमेरिकी अफ्रीकियों को निशाना बनाया जाता है।
64% अमेरिकन मानते भी है कि रंग के आधार पर भेदभाव अभी भी अमेरिका में मुख्य समस्या है।
भेदभाव की घटनाए अमेरिका में और तेजी से बढ़ने लगी है इसलिए आये दिन अमेरिका में दूसरे देशो से आकर बसें नागरिको पर हमले की खबर आती रहती है और गो बैक के पोस्टर दिखाए जाते है।
गन कल्चर
गन कल्चर अमेरिका में तेजी से बढ़ने वाली समस्या में से एक है। 2017 के सर्वे मुताबिक 40 प्रतिशत अमेरिकी अपने साथ बन्दुक रखते है. शुरू शुरू में ये प्राइड के लिए होता था लेकिन 9/11 हमलों के बाद से लोगो में आतंकी हमलो की वजह से उत्पन्न डर ने अमेरिका में गन कल्चर तेजी ला दी है। 2016 में हुए अमेरिकी चुनाव में ये एक प्रमुख मुद्दा था।
नो मोर पेड वकेशंस
दुनिया की एडवांस इकॉनमी होने के बाद भी अमेरिका की कंपनियों में वर्कर्स को पेड वेकेशन मिलना कठिन है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में कंपनी पालिसी रिवाइज्ड में दर्जनों देशो के साथ तुलना करने पर पता चला कि अमेरिकी वर्कर्स को पेड वेकेशन या हॉलिडे मिलना बहुत ही रेयर है। जबकि कई यूरोपियन कंपनी में वर्कर्स के लिए साल में करीब 20 पेड लीव्स मिलती है। इससे पता चलता है कि अमेरिका में वर्क प्रेशर कितना ज्यादा होता है।
वही इंडिया की बात करे तो 12 से 15 पेड वेकेशन कंपनी एम्प्लोयी के लिए निर्धारित होती है।
ओबेसिटी
मोटापा अमेरिका में एक बढ़ती समस्या है। और मोटापे को अमेरिका में मौत और बीमारी का मुख्य कारण माना जाता है। 2020 तक अमेरिका की तीन चौथाई जनसंख्या ओवर वैट होगी। वही 2014 कि एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 साल की उम्र तक 36 प्रतिशत से ज्यादा अमेरिकी मोटापे से ग्रसित थे।
इस मोटापे का मुख्य कारण है अमेरिकियों के खाने पीने के आदत जिसमे ज्यादातर फ़ास्ट फ़ूड शामिल होता है।
जरुरत से ज्यादा टीवी
टीवी अमेरिकियों के घर का एक स्थाई सदस्य है और जरुरत से ज्यादा टीवी देखना अमेरिकियों की आदत। 98% अमेरिकी घरो में टीवी मिल जाएंगे और 49% अमेरिकन ने माना है कि वे जरुरत से ज्यादा टीवी देखते है।
A.C. Nielsen Co.की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक एवरेज अमेरिकन हर दिन लगभग 3 घंटे 46 मिनट टीवी देखता है।
जेल में कैदियों की संख्या
पूरी दुनिया में अगर कैदियों की सख्या सबसे ज्यादा कही है तो वो अमेरिका में ही है। 21,93,798 कैदी अमेरिका की जेलों में बंद है। यानि हर 1,00000 पर 737 कैदी . कैदियों की ये संख्या अमेरिका में होने वाले क्राइम रेट का सबसे बड़ा सबूत है।
हेल्थ केयर vs लाइफ एक्सपेक्टेंसी
किसी अन्य देश की तुलना में स्वास्थ्य पर कहीं अधिक खर्च करने वाले अमेरिका में लोगो की लम्बी उम्र तक जीने का रेट काफी कम है कई अन्य देश जिनक हेल्थ केयर बजट अमेरिका से तीन गुना कम है उन देशो में भी लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेट अमेरिका के मुकाबले ज्यादा है। जैसे चिली। ज्यादातर अमेरिकी ज्यादा से ज्यादा 80 साल की उम्र तक ही जी पाते है।
गरीबी
अमेरिका की जनसंख्या 32 करोड़ के आस पास है फिर भी दुनिया के सबसे अमीर लोगो के गण अमेरिका में 15 प्रतिशत से ज्यादा की आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है। ये चौकाने वाली बात इसलिए है कि दुनिया के सबसे रहीस व्यक्ति बिल गेट्स , वारेन वफ़ेट , जेफ़ बेज़ोस और दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल ब्रांड एप्पल और दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी होने के बाद भी अमेरिका गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली जनसँख्या के मामले में यू के , रशिया , चिली और साउथ कोरिया जैसे 40 से ज्यादा देशो से भी पीछे है। एक मेडियन और मीन अमेरिकन की हाउस होल्ड इनकम में भी बहुत बड़ा फर्क होता है।
दुनिया के कई देशो ने अपने देश की तरक्की की नीव अमेरिका को देख कर रखी है और उन्हें बड़ा बनाया है लेकिन फिर भी ऐसी कई मूल समस्याए है जिन्हे अमेरिका भी कण्ट्रोल नहीं कर पाया।
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