23 वर्ष, और अपने अकाउंट में सिर्फ 50 हजार रुपए के साथ, रुपेश थॉमस लंदन में एक बेहतर जीवन के लिए केरल छोड़ कर चले गए। शुरुवात में मेक्डोनाल्ड में 4 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से काम किया लेकिन आज, 39 वर्षीय ये उद्यमी लाखों डॉलर की कंपनी का मालिक है और इसके श्रेय जाता है उनके स्टार्ट-अप व्यवसाय टक टक चाय को।
बचपन का संघर्ष
मई 1978 में जन्मे, रुपेश को अपनी मां श्याला, पिता यूसुफ और छोटे भाई राकेश के साथ एक काफी कठिन समय बिताना पड़ा , परिवार को परिवार को हमेशा वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ा। हमारे पास कुछ भी नहीं था , मैं अपनी माँ और भाइयों के साथ एक छोटे से किराए के घर में रहता था। रुपेश थॉमस याद करते हैं हुए बताते है, जब में 13 साल का हुआ तो पहेली बार ऐसा मौका था कि मै और मेरा भाई सोने के लिए पलंग नसीब हुआ।
स्कूल में उत्कृष्ट
परिवार की वित्तीय स्थिति ख़राब होने के बाद भी रुपेश ने अपनी पढ़ाई अधूरे में नहीं रोकी । 18 साल की उम्र में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए चेन्नई चले गए। रुपेश थॉमस बताते हैं, ‘स्कूल में, मैंने गणित और विज्ञान में उत्कृष्टता हासिल की थी , जिसका मतलब था कि आगे इंजीनियरिंग पढ़ाई करना’
शुरू से ही देखे बड़े सपने
पढ़ाई के दौरान रुपेश की सोच थी कि वो अपने आज के जीवन को पूरी तरह बदल सकते है लेकिन उसके लिए मुझे जिस चीज़ की जरुरत थी वो थी ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, रचनात्मकता और ख़ुलापन जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण थे, और मेरे सोचने के तरीके से मुझे पता था कि मेरा भविष्य पश्चिमी देश में ज्यादा बेहतर होगा ।’ ‘मुझे अपने केरल विरासत पर बहुत गर्व है, लेकिन मुझे हमेशा पता था कि मैं केवल भारत के बाहर जाकर है अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकता हूं।’
जब पहली बार रुपेश की मुलाकात अलेक्जेंड्रा से मिले
अपने अविश्वसनीय काम करने की लगन की वजह से , रुपेश थॉमस जल्द ही कंपनी में ऊँचे पद पर पहुँच गए और 2002 में रुपेश को टीम लीडर के तौर पर प्रमोटेड किया गया। इसी जगह उनकी मुलाकात अलेक्जेंड्रा से हुई और उन्होंने 2007 में शादी की।
प्रेरणा की तलाश
जबकि रुपेश ने अपनी नौकरी के साथ काफी बढ़िया कर रहे थे फिर भी ,अपने जुनून की वजह से आसपास कुछ और रचनात्मक करने के लिए ढूंढ रहे थे। रुपेश बताते है कि ‘मुझे सेल्स और कमुनिकशन व्यवसाय में काम करना अच्छा लग रहा था , फिर भी लाइफ में कही न कही जूनून काम करने का मन था, इसलिए मैं हमेशा अन्य व्यवसायों और अवसरों की तलाश में रहता था और हमेशा से ही फ़ूड बिज़नेस में कुछ करने के विचार में था, और अलेक्जेंड्रा के साथ भारत की यात्रा के दौरान मुझे ये काम करने की प्रेरणा मिली …
एक बड़े आईडिया ने सब बदल दिया
मूल रूप से रुपेश ने भारत में पाई जाने वाली दही लस्सी को पेय पदार्थ के रूप में बेचना चाहा रहे थे लेकिन उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि ब्रिटेन में इसके लिए पर्याप्त बाजार नहीं है। जब दिसंबर 2014 में रुपेश केरल की यात्रा पर थे, तब उन्हें एहसास हुआ कि अलेक्जेंड्रा को भारतीय चाय कितनी ज्यादा पसंद आई थी, बस यही से टक टक टी का आईडिया रुपेश के दिमाग में आया।
स्कूपिंग अवार्ड
अक्टूबर 2017 में टक टक टी को सबसे ज्यादा ख़रीदे जाने वाले लांच प्रोडक्ट के रूप में सम्मानित किया गया! व्यापार प्रदर्शनी। फ़ूड बिज़नेस के मामले में एक बाहरी व्यक्ति को सफलता मिलना रुपेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
टक टक चाय बना एक उभरता ब्रांड
कौन जानता था कि चाय, कुछ मसाले और मलाईदार दूध के मिश्रण इतने बड़े फायदे का सौदा साबित हो सकता है ? आज, रुपेश और अलेक्जेंड्रा की कंपनी का मूल्य $ 2.6 मिलियन है।
रुपेश की सफलता का सीक्रेट
रुपेश का कहना है कि करोड़पति बनने के लिए कोई जादुई फार्मूला नहीं है। ‘मेरी सफलता का भाग्य से कोई लेना देना नहीं है। यह कड़ी मेहनत और पैशन की वजह से है।मुझमे सफल होने की एक भूख और कभी भी हार न मानने का जज्बा।
यदि पहली बार में आप सफल नहीं होते हैं, तो चाय चाय अगेन …
उभरते उद्यमियों के लिए रुपेश एक ही सलाह देते है ? ‘संघर्ष के समय अपने सबसे बुरे समय के बारे में सोचे जब अपने उसे दूर करते हुए आगे बड़े थे यह सबूत है कि आप कठिन समय को दूर कर सकते हैं और गर्व महसूस कर सकते हैं की अपने ये पहले भी किया है , क्योंकि सफलता इस कड़ी मेहनत के लिए इनाम की तरह है।