वर्तमान समय में दुनिया की सबसे बड़ी सवाल जबाब वेबसाइट क्वोरा को बनाने वाले एडम डी एंग्लो के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते। वेबसाइट शुरू करने से पहले एडम नौकरी करते थे Facebook में। मार्क जुकरबर्ग के साथ उनका रिश्ता टीन ऐज से रहा है। दोनों फिलिप्स एक्सेटर एकेडमी में दोस्त बने।
एडम ने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। यहाँ जुकरबर्ग भी उनके साथ थे। यहाँ एडम ने 2002 से 2006 तक पढ़ाई की। दोनों में एक समानता थी कि दोनों हमेशा लेट पहुंचते थे। फिर दोनों ने मिलकर एक म्यूजिक सजेशन सॉफ्टवेयर बनाया यह यूज़र के पसंद के अनुसार उसे म्यूजिक सजेस्ट करता था।
इसका नाम था सिनेप्स मीडिया प्लेयर। यह इतना सफल रहा कि आगे चलकर इसे माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया।
2001 में एडम ने यूएसए कंप्यूटर ओलिम्पाईड में 8वे नंबर पर आये थे। फिर 2003 में इंटरनेशन ओलमपैड ऑफ़ इन्फोर्मेटिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। ACM इंटरनेशन कलीगेट प्रोग्रामिंग कांटेस्ट में 2003 और 2004 में अपनी तीन लोगो की टीम के साथ उस साल के फाइनलिस्ट बने। 2005 में टॉप कोलीगेट कॉडर चैलेंज में अल्गोरिथम प्रोग्रामिंग में वो टॉप 24 फाइनलिस्ट में से एक थे।
एडम ने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही बडी ज़ू नाम से एक वेबसाइट बनाई। इस वेबसाइट पर यूजर अपनी बॉडी की लिस्ट अपलोड कर सकता था और फिर उसकी तुलना अन्य की लिस्ट से की जा सकती थी। पढ़ाई के दौरान एडम ने पढ़ाई से 1 साल के लिए ब्रेक लिया कारण था Facebook डेवलप करने में मार्क जुकरबर्ग की मदद करना।
जहा उन्हें कंपनी CTO की कमान सौपी गई। उन्होंने फेसबुक की सक्सेस को बहुत करीब से देखा और कुछ साल नौकरी करने के बाद उन्हें लगा की उन्हें भी कुछ ऐसा ही बनाना चाहिए।
एडम जानते थे कि फेसबुक काफी मजबूत स्थिति में है और कंपनी उनके बिना भी चल सकती और क्योकि फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग उनके दोस्त थे तो उन्होंने अपने मन की बात मार्क को बताई।
मार्क ने उनके विचार का सम्मान करते हुए बिना कोई सवाल पूछे उन्हें अपने मन का काम करने दिया और फिर 2009 में उन्होंने क्वोरा बनाई। इसका पीछे उनका विचार यह था लोगो के पास ऐसी काफी सारी महत्वपूर्ण जानकारी और अनुभव होते है जो वो दुसरो के साथ शेयर करना चाहते है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने फेसबुक के एक और एम्प्लोयी की साथ मिलकर अपने आईडिया पर काम किया।
उनका आईडिया काम कर गया और क्वोरा कुछ ही समय में पॉपुलर हो गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में क्वोरा ने टाइगर ग्लोबल से 80 मिलियन डॉलर का फण्ड जुटाने में कामयाब रही।
क्वोरा पर दुनियाभर से लगभग 190 मिलियन यूनिक विजिटर हर महीने आते है। क्वोरा का यूजर वेस बड़ा होने के साथ साथ इसका इन्फ्लुएंस भी काफी ज्यादा है यही कारण है कि गूगल भी अपने सर्च रिजल्ट में क्वोरा पर पूछे गए सवाल और उनके जवाब सबसे ऊपर दिखता है।
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