गूगल ने ऑनलाइन यूजर अकाउंट सिक्योरिटी को और ज्यादा बेहतर करने के लिए एक सिक्योरिटी की(key) लांच की है। ये टाइटन सिक्योरिटी की ( Titan Security Key )दो वेरिएंट में उपलब्ध है। इसके एक वेरिएंट में ब्लूटूथ , एनएफसी और यूएसवी केबल सपोर्ट उपलब्ध कराया गया है। यह फिजिकल के टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन मोबाइल डिवाइस के लिए है और दूसरा स्टैंडर्ड यूएसवी पोर्ट कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कंपनी ने ये सिक्योरिटी की एंटरप्राइज कस्टमर्स पर होने वाले साइबर अटैक से बचने में मदद करेगी। अभी ये केवल क्लाउड कस्टमर्स के लिए ही उपलब्ध है। आने वाले समय में आप इसे गूगल प्ले स्टोर से खरीद सकेंगे।
85 हजार गूगल कर्मचारी फिशिंग अटैक से बचे
गूगल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि गूगल फिजिकल सिक्योरिटी की की वजह से एक साल में लगभग 85 हजार गूगल कर्मचारी फिशिंग अटैक से बचे है इस की में एक फर्मवेयर दिया गया है।
गूगल क्लाउड के प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर जेनिफर लिन ने अपनी एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि “हम काफी समय पहले से एक मजबूत सिक्योरिटी की बात कहते आ रहे है खास कर क्लाउड एडमिन्स के जो साइबर अटैक से बच सके।
कैसे काम करती है ये सिक्योरिटी की?
ये फिजिकल सिक्योरिटी की टू स्टेप वेरीफिकेशन सिक्योरिटी की तरह इस्तेमाल की जाएगी जो दिखने में आम पेन ड्राइव की तरह ही होगी। ये एक खास U2F सिक्योरिटी से लेश होगी। ये 1500 रुपए की कीमत में ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
इस की को आप उन अकाउंट में इस्तेमाल कर सकेंगे जिनमे सिक्योरिटी की एड करने का ऑप्शन होगा। भविष्य में पूरी सम्भावना है कि गूगल अपने प्रोडक्ट में इन की का इस्तेमाल करने का ऑप्शन देगा।
फेसबुक में भी हाल ही में सिक्योरिटी की ऐड करने का अपडेट आया है तो आप अपने फेसबुक अकाउंट को सिक्योर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
इसमें आप जब सिक्योरिटी की को अपने फेसबुक अकाउंट से ऐड कर लेंगे तो जब भी आप अपना फेसबुक अकॉउंट लोग इन करेंगे तो यूजर नेम और पासवर्ड के बाद आपको ये सिक्योरिटी की अपने मोबाइल या लैपटॉप से कनेक्ट करनी पड़ेगी।
अगर आप सिक्योरिटी के कनेक्ट नहीं करेंगे तो आप अपना अकाउंट एक्सेस नहीं कर पाएंगे। कोई अगर आपका यूजर नाम और पासवर्ड भी जनता है तो भी वो लॉगिन नहीं कर पाएगा।
किस तरह का टू स्टेप वेरिफिकेशन?
टू स्टॉप वेरिफिकेशन वैसे तो पहले से ही उपलब्ध है जिसमे आप अपने मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त कर सकते है और उस ओटीपी का इस्तेमाल लोग इन करने के लिए कर सकते है।
ये सुविधा गूगल के प्रोडक्ट में पहले ही है और फेसबुक में भी लोग इन कॉड्स का इस्तेमाल करके टू स्टाप वेरिफिकेशन कर सकते है लेकिन ये एक फिजिकल की होने की वजह से इसे आपको अपने सिस्टम से कनेक्ट करना पड़ेगा तब ही आप लोग इन कर पाएंगे।
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