टेक्नोलॉजी में लगातार होने वाले प्रोयोगो से दुनिया के काम करने और लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव हो रहा है और रोज नए नए प्रयोग होते रहते है यही वजह है कि लोगों में वर्ष 2018 में सेल्फ ड्राइविंग कार को लेकर काफी क्रेज है सेल्फ ड्राइविंग कार से लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आएंगे।
पूरी दुनिया में सेल्फ ड्राइविंग कारों को लेकर क्रेज़ बना हुआ है। हर कोई इनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। गूगल ने वेमो नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया है जिसके माध्यम से वो सेल्फ ड्राइविंग करो के निर्माण में तेजी से काम कर रहे है।
ज्यादातर ऑटो मेकर्स कोशिश कर रहे हैं कि वर्ष 2020 तक कम से कम उनके पास सेमि ऑटोनॉमस सिस्टम उपलब्ध हो सेल्फ ड्राइविंग कारों से हमारी जिंदगी में बड़े बदलाव आ सकते हैं।
ऑटोनॉमस दुनिया को किस तरह से बदलेगी इसका अभी सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है पर वैज्ञानिकों की मानें तो इससे लोगों का जिंदगी जीने का तरीका पूरी तरीके से बदल सकता है डालते हैं सेल्फ ड्राइविंग कार से होने वाले बड़े बदलाव पर एक नजर-
कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में कमी आ जाएगी
जीवन जीने के तरीके में बदलाव के साथ-साथ सेल्फ ड्राइविंग कार हमारे ग्रह को भी बचा सकती हैं। ऑटोनॉमस विहिकल्स एक्सीलेरेशन ब्रेकिंग और स्पीड वेरिएशन में ऑप्टिमाइज़ एफिशिएंसी के साथ तैयार किए गए हैं। इसलिए वे फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाएंगे और कार्बन एमिशन कम करेंगे मैकेंसे के मुताबिक अगर दुनिया ऑटोनॉमस कारों को अपनाती है तो इससे सालाना 300 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम हो जाएगा।
पूरी दुनिया में लोग कार रखना कर देंगे बंद
ऑटो इंडस ऑटो इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेल्फ ड्राइविंग कारों के आने के बाद लोगों की ट्रेवलिंग हैबिट्स में नाटकीय बदलाव आएगा इससे लोग कार खरीदना कम कर देंगे और सफर के लिए ऑन डिमांड रोबोट टैक्सी बुलाएंगे यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक अमेरिका में एक बार ऑटोनॉमस कार अपनाने के बाद व्हीकल ओनरशिप में 45 फ़ीसदी की कमी आ सकती है इसका एक बड़ा कारण यहां होगा कि अपना खुद का ऑटोनॉमस व्हीकल लेने के बजाय रोबोट टैक्सी इस्तेमाल करना उनके लिए ज्यादा किफायती होगा।
सड़कों पर काम हो जाएगा ट्रैफिक
कारों के कारण ना केवल कारों की दुर्घटना में कमी आएगी बल्कि इससे ट्रैफिक की समस्या भी कम हो जाएगी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015-2016 में अमेरिका में वाहन चालक ने 50 घंटे ट्रैफिक में फंस कर निकाले है है .केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार व्हीकल की अल्टरनेटिंग से हाइवे कैपिसिटी में 50% का इजाफा हो सकता है इसका अर्थ है कि आप को कम ट्राफिक का सामना करना पड़ेगा
सभी लोगों की मोबिलिटी में आएगा सुधार
निशक्त लोगों के लिए यह टेक्नोलॉजी वरदान बनेगी। सेल्फ ड्राइविंग कारों की वजह से बुजुर्गों को इधर से उधर जाने में आसानी होगी साथ ही वे लोग भी सशक्त होंगे जो निशक्त हैं और ट्रैवलिंग के लिए कार इस्तेमाल नहीं कर सकते। वर्ष 2012 में Google ने प्रदर्शित किया था कि किस तरह से और टेक्नोलॉजी लोगों को पावरफुल बना सकती है इस टेक्नोलॉजी से लोग ज्यादा स्वतंत्रता के साथ जीवन जी पाएंगे नेत्रहीन व्यक्ति भी आसानी से ड्राइवर लेस कार इस्तेमाल कर पाएंगे।
आप को कभी भी पार्किंग स्पेस नहीं खोजना पड़ेगा
ड्राइवरलेस कारो के आ जाने के बाद आपको पार्किंग स्पेस खोजने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि आपको उसी जगह पर ले जाकर ही ड्रॉप किया जाएगा अगर आपके पास खुद की ऑटो नॉमस कार भी होगी तब भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है इस तरह की कारों में यह सुविधा होगी की अपने लिए खुद पार्किंग स्पेस खोज ले और अपने आप पार्क हो जाएं।
पूरी दुनिया में लोगों की उत्पादकता बढ़ेगी
ट्रैफिक में गुजारा गया समय किसी काम नहीं आता और साथ ही ड्राइविंग करते समय भी आदमी व्यस्त ही रहता है लेकिन ऑटोनोमस कारो के आने के बाद लोग अपने कीमती समय का इस्तेमाल उपयोगी कार्यो को करने के लिए कर सकेंगे। वैकेंसी के अनुसार ड्राइवरलेस कारों के कारण हर दिन पूरी दुनिया में लगभग 1 बिलियन घंटों की बचत हो सकेगी। अगर लोग फ्री समय का इस्तेमाल काम में लगाएं तो उत्पादकता में इजाफा होगा मार्गाने स्टैनली द्वारा किए गए अध्यन बताया गया है कि ऑटोनॉमस व्हीकल के कारण अकेले अमेरिका में 507 बिलियन डॉलर सालाना का प्रोडक्टिविटी का फायदा हो सकता है।
दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या कम होगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत वाहनों की भिड़ंत के कारण होती है वर्ष 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2. 2 मिलियन हो सकता है। ड्राइवरलेस कारों में दुर्घटना को कम करने की क्षमता मौजूद है। इनोसेंट ट्रांसपोर्टेशन के द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक अगर अमेरिका की सड़कों पर चलने वाली 90% कार्य ऑटोनॉमस हो जाए तो दुर्घटना की संख्या 6 बिलियन सालाना से कम होकर 1.3 मिलियन सालाना रह जाएगी।
कार का डिजिटल अस्सिस्टेंट करेगा आपको मदद
कार निर्माता कंपनी BMW के मुताबिक आप अपनी कार को बहार के काम के लिए डिजिटल अस्सिस्टेंट के तौर पर रख सकते है। आप इनकी मदद से घर बैठे कुछ भी आर्डर कर सकते है और अगर आपके पास टाइम नहीं है तो आप अपनी कर को उन सभी काम को करने के लिए इंस्ट्रक्शन दे सकते है जिसके लिए आपको बहार जाना न पड़े।
शहर होंगे ज्यादा शांत ,तेज , साफ और हरे-भरे
शहर में जगह जगह चार्जिंग स्टेशन होंगे क्योकि ये कारे बिजली से चलने वाली होगी तो कार्बन उत्सर्जन और वाहनों से होने वाले शोर में कमी आएगी, सेल्फ ड्राइविंग कारे अपने प्रोग्रामिंग इंस्ट्रक्शन की वजह से अपने तह स्थानों पर ही पार्क होगी जिससे शहरो में खुला माहौल और साफ वातावरण का अनुभव होगा।
जिस तरह इंटरनेट ने हमारे जीवन में क्रन्तिकारी बदलाब किये ठीक उसी प्रकार भविष्य में आने वाली आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड ये सेल्फ ड्राइविंग कार इंसानी जीवन को बदलने में सबसे ज्यादा अहम रोल निभाएंगी।
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