पूरी दुनिया में जब फिल्मे बनती है तो वो कारोबार भी करती है , दुनिया को एंटरटेन भी करती है और दुनिया के हर फिल्म मेकर की इच्छा होती है कि वो भी अपने बेस्ट काम के लिए कोई ऐसा अवार्ड जीते।
भारतीय सिनेमा 100 साल से भी ज्यादा पुराना हो चूका है। हमारे देश में समय समय पर बेहतरीन मूवी बनी लेकिन सोचने की बात है कि आज तक हमारे जहा की किसी मूवी को ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित नहीं किया गया।
अकादमी पुरस्कारों के साथ भारत का शुरू से ही विवादित रिश्ता रहा है।
“भारत की और से कई श्रेष्ठ आधिकारिक प्रविष्टियों के रूप में भारतीय फिल्मों को ऑस्कर नॉमिनेशन के लिए भेजा जाता है, हमारे जहाँ से 45 से भी ज्यादा एक से एक बेहतरीन मूवी भेजी जा चुकी है ,लेकिन उनमें से कुछ ही मूवी थी जो नामांकन की अंतिम सूची में शामिल हो पाई।”
हालाँकि जब जब भारतीय पृष्टभूमि पर किसी बाहरी निर्देशक ने फिल्म बनाई तो उसे ऑस्कर जैसा सम्मान भी मिला और पूरी दुनिया में सराही भी गई जैसे गाँधी , स्लम डॉग मिल्लीनियर और लाइफ ऑफ़ पाई।
यहाँ ऐसी पांच मूवी के बारे में बात करेंगे जो लगभग लगभग ऑस्कर जितने ही वाली थी क्योकि ये फिल्मे बेस्ट विदेशी भाषा के श्रेणी में नॉमिनेट हुई थी। ,
1. मदर इंडिया
1957 में रिलीज़ हुई फिल्म मदर इंडिया भारत की पहली ऑस्कर विनिंग मूवी बन सकती थी। मेहबूब खान द्वारा निर्देशित इस क्लासिक को विदेशी भाषा श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था, और लगभग इसे जीता ही माना जा रहा था! लेकिन नाइट्स ऑफ कैबिरिया के एक वोट की वजह से हार गई और उस साल ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म बनाने का मौका खो दिया।
2. एन एनकाउंटर विथ फेसेस
1978 में आई ,विदू विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस शार्ट फिल्म को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री शार्ट सब्जेक्ट के लिए नामित किया गया था। फिल्म को काफी सराहना मिली थी लेकिन फिल्म अवार्ड नहीं जीत पाई।
3. सलाम बॉम्बे
स्लमडॉग मिलियनेयर के बनने से पहले, हमारे जहाँ सलाम बॉम्बे बनाई जा चुकी थी।1988 में रिलीज़ हुई ये फिल्म भी मुंबई की झोपड़ियों में रहने वाले बच्चे की सुंदर कहानी थी। फिल्म दुनिया भर के आलोचकों द्वारा सराही गई थी।
अगर अवार्ड की बात करे तो फिल्म को बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का नेशनल अवार्ड , कांस फिल्म फेस्टिवल में इसे गोल्डन कैमरा और ऑडियंस अवार्ड से सम्मानित किया गया वही द न्यू यॉर्क टाइम ने इस अब तक की बेस्ट 1000 मूवी में शामिल किया लेकिन फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट तो हुई लेकिन जीत नहीं सकी।
4. लगान
2001 में आई ,आशुतोष गोवारिकर की पीरिऑडिक फिक्शन स्टोरी पर बेस्ड और आमिर खान द्वारा अभिनीत लगान कमाई और प्रशंसा दोनों ही मामलो में बेहतर प्रदर्शन किया। फिल्म को भारत से लेकर दुनियाभर में इतनी सराहना मिली थी कि इसके ऑस्कर नॉमिनेशन पर काफी बड़े स्तर पर न्यूज़ चैनल की मुख्य खबर का हिस्सा बानी थी और फिल्म का ऑस्कर जीतना लगभग पक्का माना जा रहा था।फिल्म को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन इस फिल्म को भी ऑस्कर नहीं मिला।
5. लिटिल टेररिस्ट (2005)
2004 में आई असविन कुमार द्वारा लिखित, निर्देशित और प्रोड्यूस की गई इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म श्रेणी के लिए नॉमिनेट किया गया था लेकिन फिल्म ऑस्कर लाने में असफल रही।
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