क्या कभी आपको डू-गुडर यानि बेहतर होने की वजह से भी लोगो की नफरत का शिकार होना पड़ा ? वैज्ञानिकों का कहना है कि अत्यधिक सहयोगी और उदार लोग नफरत को आकर्षित कर सकते हैं, खासकर प्रतिस्पर्धी परिस्थितियों में।

कनाडा में गेलफ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के प्रोफेसर पॅट बार्कले ने कहा है कि अक्सर ऐसा होता है कि हम सहयोगी लोगो को ज्यादा पसंद करते हैं जो बढ़चढ़कर हर काम में भागीदारी करते है और जब बुरे और असहयोगी लोगो को दण्डित किया जाता है तब हमें अच्छा लगता है।
लेकिन जब ऐसा हो कि ज्यादा बेहतर करने वाले को भी दण्डित किया जाए तो। ऐसा होता क्योकि वे आपके अतिसहयोगी और बेहतर करने की वजह से वर्कप्लेस पर मौजूद अन्य लोग से अपने लिए नफरत बढ़ाता है। बार्कले ने कहा कि ऐसा इसलिए होता है क्योकि यह पैटर्न हमारी संस्कृति में पाया जाता है। ख़राब परफॉर्म करने से ज्यादा , बहुत ज्यादा अच्छा परफॉर्म करने वालो को भी गुस्सा और नफरत झेलना पड़ती है।
कुछ लोग कॉपरेटिव लोगो को एक पेग के नीचे लाने के की कोशिश करते हैं, खासकर अगर उन्हें लगता है कि अच्छे लोगो की वजह से कार्यस्थल, में वो लोग कमतर दिखते हैं।
जर्नल साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि कोऑपरेटिव व्यवहार में अक्सर उन लोगो को नीचा देखना पड़ता है जो अन्य सदस्य के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। हालांकि अध्ययन ने कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा के बिना सहयोग में वृद्धि होती है।
बार्कले ने कहा कि उन लोगों के प्रति संदिग्ध, ईर्ष्यापूर्ण या शत्रुतापूर्ण व्यवहार किया जाता है जो दुसरो से ज्यादा बेहतर या अच्छे दिखते हैं, ये लोग के मनोवैज्ञानिक तौर पर लोगो की सोच में गहराई से बने रहते हैं।
उन्होंने कहा, “समाज में , वे किसी ऐसे व्यक्ति को नीचे लाकर अपनी सम्मान की रक्षा करते हैं जो संभावित रूप से सभी चीज़ों पर अपनी पकड़ रख सकता है। आज एक कमतर समूह के भीतर आप कल्पना कर सकते हैं, कि वो क्या सोचते है जैसे ‘अरे, आप बहुत मेहनत कर रहे हैं और हममें से बाकी को इससे बुरा लग रहा है। कुछ कंपनियों में लोग यह सोचने के लिए जाने जाते हैं कि दूसरा व्यक्ति कितनी भी मेहनत करे लेकिन वह किसी भी तरह आगे नहीं निकले।
बार्कले ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति सामाजिक ढर्रे को चलाने के काम में रुकावट भी पैदा करता है , जिसके लिए सभी को व्यक्तिगत रूप से और सहकारी रूप से अभिनय की आवश्यकता होती है।
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