दुनिया महिलाओं और लड़कियों के लिए एक असुरक्षित जगह होती जा रही है। महिलाएं यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा जैसे हिंसक अपराधों का रोज शिकार हो रही हैं। कई महिलाओं को हिंसक परिस्थितियों के खिलाफ खुद को बचाने के तरीके सीखने में रुचि होती है। मार्शल आर्ट एक ऐसी ही कला है जहां महिलाएं अपने ऊपर होने वाले हमलों के खिलाफ खुद को तैयार कर सकती हैं। महिलाओं की आत्मरक्षा के लिए कुछ सर्वश्रेष्ठ मार्शल आर्ट्स में से हैं ताई क्वोन डो, क्राव मग, ऐकिडो, ब्राजीलियाई जिउ जित्सु और जीट कुन डो है।
क्रेव मागा(Crav Maga)
हंगरी-इज़राइली मार्शल आर्टिस्ट और पहलवान इमिरीच लिचेंफेल्ड द्वारा विकसित, क्रेव मागा एक सेल्फ डिफेन्स के लिए अपनाई जाने वाली स्ट्रीट फाइटिंग का मिश्रण है। इस टेक्निक में मार्शल आर्ट्स की कई सारी टेक्निक और ‘नो रूल’ टेक्निक के साथ सिखाई जाती है , जो किसी अचानक आये खतरे से लड़ने में मदद करता है।
कराटे (Karate)
जापान की देन , कराटे लंबे समय से भारत में प्रचलित है और विशेष रूप से आत्मरक्षा के लिए विकसित किया गया और न कि हमला करने के लिए , कराटे हथियारों के बिना अभ्यास किया जाता है, जो दिमाग और शरीर के बीच एक बेहतरीन संतुलन बनाने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है।
मुय थाई(Muay Thai)
थाईलैंड का कॉम्बैट स्पोर्ट जो कि महिलाओं और पुरुषो में काफी पॉपुलर है।इस ‘आठ अंगों की कला’ भी कहा जाता है – जिसमे कोहनी, मुट्ठी, घुटनों और टांगो का इस्तेमाल किया जाता है – यह कॉम्बैट फाइट का एक ऐसा हिस्सा है जो वार करना और डिफेन्स करना सिखाता है।
कलारिपयाट्टू(Kalaripayattu)
भारत की देन, केरल के कालारीपट्टू को मार्शल आर्ट्स के सबसे पुराने मार्शल आर्ट फॉर्म में से एक माना जाता है। जिसमे विशेष तौर से ढाल और तलवार का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन महिलाओं को लड़ने के लिए इसका आधुनिकीकरण किया गया है जिसमे हथियारों की बजाय वो ऐसी किसी भी चीज़ एक इस्तेमाल कर सकती है जो मुसीबत के समय उनके आस पास या हाथ में हो।
मिक्स मार्शल आर्ट
सीधे शब्दों में कहें, बिलकुल रेसलिंग की तरह है जिसमे कुश्ती, टीए क्वोन डू, मुक्केबाजी, कराटे, ब्राजीलियाई जिउ जित्सु और किकबॉक्सिंग जैसी तकनीकों का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। ये कभी पॉपुलर है क्योकि इसमें किसी भी डायरेक्शन और पोजीशन में आप कई प्रकार के मूव इस्तेमाल कर सकते है।