मुख्य कोच के तौर पर रवि शास्त्री ने फिर से टीम में वापसी कर ली है।
और उन्होंने आते ही साफ बात कहती है कि मैदान पर उतरते ही खिलाड़ियों के हाथ में ही कमान रहेगी जैसा वह चाहेंगे वैसा ही वह खेलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं पहले भी क्रिकेटर रह चुका हूं इसलिए मुझे पता है कि अपने खिलाड़ियों को मुझे मानसिक रुप से कैसे तैयार करना है और कैसे उन्हें खेलना चाहिए और मैदान में जाकर उन्हें किस तरह से अपने आप को तैयार करना है।
शास्त्री का मानना है कि जितने भी क्रिकेटर है वह बेपरवाह होकर अपना खेल खेले जिससे कि वह मानसिक रुप से अच्छी तरह से खेल पाए उनके ऊपर कोई दबाव ना रहे।
कहां की अन्य टीमों की तरह भारत भी अपने घरेलू मैदान पर रिकॉर्ड बहुत अच्छा रह चुका है और हम इस श्रृंखला में और अच्छा करने की कोशिश करेंगे।
अगर हम यह चीज नहीं सुधार पाए तब खेलने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
शास्त्री ने कहा कि अब श्रीलंका में बहुत सालों बाद जाएंगे, लेकिन एक के कोच के रूप में जहां वह अपने आप को साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे।
ये बात साफ करती है कि अब वह किसी भी रुप में अपनी टीम को पीछे नहीं देखना चाहते वह चाहते हैं कि मेरी टीम हमेशा ही आगे चलती रहे और हमेशा आगे ही रहे।
पहले स्थान पर रहे वह बतौर एक क्रिकेटर रह चुके हैं इसलिए उन्हें पता है कि कैसे किस चीज को तैयार करना है